Ashtavakra Gita by Sri Sri Ravishankar
Synopsis
गुरूदेव श्री श्री रवि षंकर जी की अलौकिक एवं आध्यात्मिक प्रवचनों की ऐतिहासिक श्रृंखला में अश्टावक्र गीता के अनमोल ज्ञान को आर्ट आॅफ लिविंग, अंतर्राश्ट्रीय केन्द्र, बैंगलुरू (भारत) में मई २॰१॰ में रिकार्ड किया गया । अश्टावक्र गीता एक कसौटी है जिस पर एक योग्य गुरू के कुषल मार्गदर्षन में एक साधक बुद्धि, अहंकार, अंतद्र्वन्द एवं स्वयं के स्तर पर अंतज्र्ञान की गहराई में उतरने योग्य बनता है । प्राचीनत्तम ज्ञान, सांस्कृतिक कथाओं व व्यवहारिक बुद्धिमत्ता को अत्यंत ही दिव्य व कलात्मक रूप से सुग्राह्य प्रवचनों में व्यत्र्ख्यान करके गुरूदेव ने अश्टावक्र गीता के अनमोल ज्ञान को सच्चे साधकों के लिए सहज ही सुलभ करा दिया है ।
कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविश्यति ।
वैराग्यं च कथं प्राप्तमेतद् ब्रूहि मम प्रभो ।।
हे प्रभु ! मैं किस तरह ज्ञान,
मुक्ति और वैराग्य प्राप्त कर सकता हूँ?
कृपा करके मेरा मार्गदर्षन करें ।
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